
‘ स्मार्ट मीटर की कीमत नहीं वसूलें : नियामक आयोग
विद्युत वितरण निगम किसी भी रूप में स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर होने वाला खर्च उपभोक्ता पर डाल सकते हैं । प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के इस फैसले के बाद उपभोक्ताओं को राहत मिली है । प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों नियामक आयोग में याचिका लगाकर मांग थी कि उन्हें स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर 27342 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं । इस खर्च की वसूली उपभोक्ताओं से कराई जाए । जबकि उपभोक्ता परिषद की ओर से इसे असंवैधानिक करार दिया गया था । आरडीएसएस योजना के खर्च अनुमोदन की याचिका पर विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को फैसला सुनाया । उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना पर होने वाले किसी भी खर्च की भरपाई विद्युत उपभोक्ता से किसी भी रूप में नहीं की जा सकती।